एक तिनके से संवाद

जो तुम्हें आज लग रहा प्रश्न है शायद कल न रहे समय के पास सबका उत्तर है।। अंधकार के पास ही प्रका…

रणविजय

रणविजय हो तुम   क्यों व्यर्थ में डरते हो   यह रण तुम्हारी रचना फिर क्यों नहीं चढ़ …

आवारा

एक तुम्हारे लिए ही   सारे जिद्द छोड़ आया हूँ   देख मेरी नज़रों में झाँककर   सारे ब…

प्रेम

प्रेम में पागल   बन बैठा हूँ   कुछ तो बात होगी   तुम में जो अलग है।।

दर्द

जब - जब तुम सामने होती हो मैं होश में क्यों नहीं रहता   कितना कुछ है बताने को   फ…

प्यार

संभाल के रखा है तेरी यादों को कद्र है मुझको इनकी  जब तलब होती है  तुम्हें याद कर लेता हूँ।।

जुनून

एक सिलसिला है   जो मेरे   अंदर चला रहा है ।। जैसी जैसे ही आग   शांत होती है   एक …

चाहत

रात का अंधेरा अगर मेरे लिए है तो सूबह के सवेरा पर भी मेरा अधिकार है।। किसने कहां कि मेरा…

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